भारतीय डाक ने आईआईटी दिल्ली में देश का पहला जेन-जी (Gen Z)–थीम आधारित डाकघर शुरू किया है। छात्रों के सहयोग से तैयार किया गया यह केंद्र आधुनिक सौंदर्यशास्त्र, वाई-फाई सक्षम क्षेत्र, आईआईटी फाइन आर्ट्स सोसाइटी की क्रिएटिव ग्रैफिटी और कलाकृतियों, तथा स्मार्ट सर्विस टचपॉइंट्स जैसे- क्यूआर-आधारित पार्सल बुकिंग और छात्र–अनुकूल स्पीड पोस्ट छूट जैसी सुविधाओं से लैस है।
संचार मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। यह पहल संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के डाकघरों को जीवंत, युवा-केंद्रित स्थानों में बदलने की दूरदर्शिता को दिखाता है, जो आज के छात्रों और युवा नागरिकों के साथ मेल खा सकें।
आईआईटी दिल्ली का यह नया कैंपस डाकघर शैक्षणिक परिसरों में डाक सेवाओं से जुड़ाव के पूरी तरह नए मॉडल का प्रतिनिधित्व करता है। यह बदलाव राष्ट्रीय स्तर की उस पहल का हिस्सा है जिसके तहत 15 दिसंबर 2025 तक शैक्षणिक परिसरों में स्थित 46 डाकघरों को नए सिरे से तैयार किया जाना निर्धारित है।
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है छात्रों की सक्रिय भागीदारी, जिसमें भारतीय डाक छात्रों को ब्रांड एम्बेसडर, पोस्ट ऑफिस डिजाइन के सह-निर्माता और सोशल मीडिया आउटरीच सहयोगी के रूप में शामिल कर रहा है।
देश में पहली बार, आईआईटी दिल्ली में स्टूडेंट फ्रैंचाइज़ मॉडल भी लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से छात्रों को डाक संचालन का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही छात्रों के लिए विशेष ब्रांडेड पार्सल पैकिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि वे आसानी से पार्सल बुक कर सकें।